धारा 115 क्या है ?
Aug 16, 2023, 15:38 IST
# मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध का दुष्प्रेरण -- यदि अपराध नहीं किया जाता :- जो कोई मृत्यु ( या आजीवन कारावास ) से दंडनीय अपराध किए जाने का दुष्प्रेरण करेगा, यदि वह अपराध उस दुष्प्रेरण के प्रिणामस्वरूप न किया जाए, और ऐसे दुष्प्रेरण के दंड के लिए कोई अभिव्यक्त उपबंध इस संहिता में नही किया गया है, तो वह दोनो में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा । # यदि अपहानि करने वाला कार्य परिणामस्वरूप किया जाता है- और यदि ऐसा कोई कार्य कर दिया जाए जिसके लिए दुष्प्रेरक उस दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप दायित्व के अधीन हो और जिससे किसी व्यक्ति को उपहती कारित हो, तो दुष्प्रेरक दोनो में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि चौदह वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डनीय होगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा । ख को य की हत्या करने के लिए क उकसाता है । वह अपराध नहीं किया जाता है । यदि य की हत्या ख कर देता, तो वह मृत्यु या आजीवन कारावास के दंड से दण्डनीय होता । इसलिए, क कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडनीय है और जुर्माने से भी दंडनीय है, और यदि दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप य को कोई उपहती हो जाती है, तो वह कारावास से, जिसकी अवधि चौदह वर्ष तक की हो सकेगी, दंडनीय होगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।